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आलसी राक्षस
Massimo Longo
शृंखला : यह मैं तुम्हारे लिए यह लिख रहा हू मास्सिमो और मारिया ग्राजिया वास्तविक और साहित्यिक जीवन दोनों में एक युगल हैं, और वे सभी के लिए बिना उनकी उम्र की परवाह किए कथा-साहित्य लिखना पसंद करते हैं। यह विचार उनके द्वारा अपने बच्चों के लिए बनाई गई कहानियों को पुस्तकों में बदलने के विचार के साथ उत्पन्न हुआ था।
Maria Grazia Gullo - Massimo Longo
आलसी राक्षस
सुरेश कांत द्वारा अनूदित
कॉपीराइट © 2019 एम. जी. गुल्लो – एम. लोंगो
आवरण-चित्र और ग्राफिक्स
मास्सिमो लोंगो द्वारा सृजित और संपादित
सर्वाधिकार सुरक्षित।
ISBN Code:
ISBN-13
आलसी राक्षस
तुम्हें यह जानना जरूरी है कि किसी ने भी उसे कभी नहीं देखा, न उसके बारे में सुना है, लेकिन फिर भी वह मौजूद है।
वह हमारे समय का बुरा आदमी है।
सच कहूँ, तो वह हमेशा मौजूद रहा है। बहुत साल पहले, वह छोटा था, इतना छोटा कि जब बच्चे दौड़कर उसके पास जाते थे, तो वह सूखे पत्ते की तरह उड़ जाता था।
कुछ भी उन्हें विचलित नहीं करता था, वह नन्हा दुष्ट प्राणी तो बिलकुल भी नहीं : आखिरकार, वे शेरों द्वारा पीछा किए जाने या फल चुनने में व्यस्त रहते थे।
समय बीतता गया, और एकमात्र गुण जो उसमें देखा जा सकता था, वह था उसका धैर्य।
वह जानता था कि कैसे इंतजार करना है, और उसने रात-दिन, गरमी-सर्दी इंतजार किया।
उसने गर्मियों में बहुत संघर्ष किया, क्योंकि हर कोई बहुत व्यस्त था।
एक बार गर्मियों में वह लगभग गायब हो गया, क्योंकि वह किसी को पकड़ने के लिए भारी मेहनत कर रहा था।
किसी और समय, जब गर्मी की तपन खास तौर से ज्यादा थी, वह कुछ आलसियों को ढूँढ़ने में कामयाब रहा। लेकिन यह कभी लंबे समय तक नहीं चला : आखिर कोई भी हमेशा तो आलस कर नहीं सकता। इसलिए उन्हें काम करना पड़ा, करना पड़ा और करना पड़ा, ताकि उनका हाल ईसप की कहानी के टिड्डे जैसा न हो जाए, जो सर्दियों के लिए खाना जमा न करने के कारण भूख से मर गया था।
दूसरी ओर, सर्दी उसका पसंदीदा मौसम था : जब हर कोई शांत रहता था। कम ही लोग इधर-उधर
आते-जाते थे, ज्यादातर लोग पढ़ने या अपनी कल्पना के घोड़े दौड़ाने में ही व्यस्त रहते थे। सूरज जल्दी अस्त हो जाता था, और मोमबत्तियाँ और दीए के लिए तेल सस्ता नहीं मिलता था।
इसलिए, उसके करीबी दोस्त, मिस्टर बैडवैदर और उसके पास किसी पर हमला करने का मौका रहता था।
संक्षेप में, सर्दियाँ उसे वास्तव में अपना काम सबसे अच्छे तरीके से करने देती थीं।
किसी पर — हाँ तुम सही समझे, मैंने कहा — किसी पर : इसका मतलब है कि मैं अकेले बच्चों की बात नहीं कर रहा। भोजन की बात आने पर आलसी राक्षस मीनमेख नहीं निकालता, और जो कुछ भी उसे मिलता है, वह उसी को खाने के लिए तैयार रहता है।
असल में, वह किसी बड़े को पकड़ने से पहले भी दो बार नहीं सोचता, हालाँकि इससे उसे थोड़ी ही
संतुष्टि मिलती है।
फिर, आधुनिक समय आ गया, और लोगों ने अपना काम आसान बनाने के लिए मशीनों का निर्माण करना शुरू कर दिया — अपने बच्चों की छुट्टियों के समय के लिए मशीनें, और सिर्फ इतना ही नहीं, मशीनें भी ऐसी, जो कुछ भी कर सकती थीं : सोचने के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं बची थी।
गलियाँ खाली रहने लगी थीं, उनमें बच्चों की हँसी भी अब सुनाई नहीं देती थी।
उन्होंने आलसी राक्षस की सपनों की दुनिया रच दी थी।
इस तरह वह बड़ा होने लगा। रोज-रोज वह ज्यादा से ज्यादा बच्चों और बड़ों को पकड़ने लगा, जब तक कि वह राक्षस की उपाधि के लायक नहीं हो गया।
तुम सोच रहे होगे : किसी को कैसे पता चलता है कि कौन पकड़ा गया है?
यह अच्छा सवाल है।
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